Monday, 24 April 2023

पहचान

मैं एक नारी मैं पुत्री मैं एक जननी

मैं एक शिक्षिका हूं या दिशा दर्शिका

पहचान अपनी कैसे बताऊं

मन के विश्वास को मैं कैसे दर्शाऊं

 जो घटित हो रहा समाज में

मैं उसकी प्रत्यक्ष मूर्ति कैसे बनूं

कठिन राह समूहों से निर्मित

अपने सरल पथ का चयन कैसे करूं

कभी पति की कल्पना में

विश्वास कर्त्तव्य के रंग कैसे भरूं

माता की जीवंत मूर्ति की अवहेलना ना कर सकूं

नारी के विभिन्न रूपों में

यथार्थ रूप कैसे धरूं

जीती हूं इस विश्वास से

राह आसान मैं कर सकूं

कभी पुत्री कभी जननी कभी पत्नी कभी शिक्षिका

के कर्तव्य को पूरा कर सकूं

जीर्ण शीर्ण पथ की राही बनकर

मानव हित में नई प्रेरणा भर सकूं

शांत सौम्य संयम विश्वास जगाकर

आत्मनिर्भरता जागृति का मार्ग प्रशस्त कर सकूं

 मैं एक नारी मैं एक जननी में एक पत्नी मैं एक शिक्षिका।

आपकी बिंदु।

 

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